प्रासंगिक (१ जनवरी, १९६९)

 

 अतिमानव चेतनाका अवतरण :

 

     वह रातको धीरे-धीरे आया और आज सवेरे जागनेपर 'प्रभात' था, वातावरण इतना हल्का था । शरीरको लगा सचमुच नया है । एक स्वर्णिम प्रकाश, पारदर्शक और ''सद्भावनापूर्ण'' निश्चितिके अर्थमें--सामंजस्यपूर्ण निश्चिति ।  । मानो स्वर्णिम . यह सचमुच, .. सद्भावपूर्ण, वह नया था ।

 

      यह बात थी

 

      जब में लोगोंसे "शुभ नव वर्ष कहती हू तम उप वह बांटती हू । -भार आज सवेरे मैंने अपना समय सहज रूपसे ''शुभ नव वर्ष, शुभ नव वर्ष'' कहते-कहते बिताया.. तो...